नोटबंदी की जिन्न रह रहकर बाहर आ रहा है। नोटबंदी के बाद से सरकार टैक्स और कैश को लेकर कई किस्म की नीतियां लागू करने की घोषणा कर चुकी है। इस मामले में ताजा फैसला यह है कि अगर आपने नोटबंदी के बाद अपने किसी मित्र या परिजन से 20,000 रुपये या उससे अधिक का कैश गिफ्ट या फिर डोनेशन हासिल किया है तो आपको इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को पूरी जानकारी देनी होगी।
आयकर विभाग अगर आपके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो जांच भी हो सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर अघोषित धन के हेरफेर की पड़ताल के लिए यह फैसला लिया है। आयकर विभाग को संदेह है कि बड़े पैमाने पर लोगों ने पुराने नोटों में मौजूद काले धन को खपाने के लिए कैश के रुप में गिफ्ट और डोनेशन दे दी।
30 दिसंबर तक बैंकों में बड़ी रकम जमा करने वाले लोगों को जवाब देने के लिए सरकार ने पहले 10 फरवरी तक की तारीख तय की थी उसे बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है। आयकर विभाग ने ऐसे लोगों के नाम अपनी वेबसाइट पर भी जारी किए हैं, जिनके खातों में जमा रकम और उनके टैक्स रिटर्न में अंतर पाया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने पिछले दिनों कहा था कि सिर्फ उन लोगों के खिलाफ ही जांच की जाएगी, जिनकी जमा राशि टैक्स रिटर्न से अलग पाई जाएगी।