आतंकवादी देश पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए बनाए गए कैम्पों के ख़िलाफ़ अब पीओके के लोग उठ खड़े हुए हैं। समूचे पीओके में कम से कम सात जगहों पर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बड़े प्रदर्शन हुए हैं। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तान सरकार को साफ़ तौर पर चेतावनी दी गई है कि वह या तो पीओके से आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैम्प हटाए या फिर आम लोग अपने तरीके से हालात से निपटने को मजबूर हो जाएंगे। इन लोगों का कहना है कि उनके इलाकों में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैम्पों की वजह से उनकी ज़िंदगी नरक से भी बदतर बन गई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना की देख-रेख में पीओके में कई जगहों पर लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद समेत कई आतंकवादी गुटों के लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है।
पाकिस्तान के आतंकवाद परस्त हुक्मरानों के ख़िलाफ़ पीओके के जिन इलाकों में प्रदर्शन हुए हैं, उनमें मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगित, दियमेर और नीलम घाटी शामिल हैंं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आतंकवादियों को पनाह देकर किसी मसले का हल नहीं निकाला जा सकता। दरअसल पीओके के लोग आए दिन पाकिस्तानी सेना, पुलिस और आतंकवादियों- तीनों का दमन सहने को मजबूर हैं। इन तीनों ने मिलकर उनकी ज़िंदगी जहन्नुम बना दी है। सरकारी एजेंसियां और सेना वहां के लोगों के मौलिक अधिकारों का खुलेआम हनन करती हैं। यहां तक कि हाल में जो चुनाव हुए थे, उसमें भी बड़े पैमाने पर धांधलियों की वजह से आम लोग कम ही हिस्सा ले पाए थे।
पीओके में सेना, सरकार और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ ये विरोध-प्रदर्शन उस समय हो रहे हैं, जबपाकिस्तान भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को लगातार झुठलाने की कोशिश कर रहा है। साफ़ है कि धीरे-धीरे आतंकवादी देश पाकिस्तान की पोल अब खुलती जा रही है।