अदालत ने मानहानि के दो मामलों में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश को छह माह की सजा सुनाई है। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) की अदालत ने उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि ऊपरी अदालत में अपील करने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने गौरी लंकेश को जमानत भी प्रदान कर दी है।
इस मामले में कर्नाटक के धारवाड़ जिले के सांसद प्रह्लाद जोशी और भारतीय जनता पार्टी के नेता उमेश दुशी ने गौरी लंकेश के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। दोनों नेताओं का आरोप था कि 23 जनवरी 2008 को गौरी लंकेश ने अपने अखबार (Lankesh Patrike) में भाजपा नेताओं के खिलाफ आर्टिकल प्रकाशित किया था।
प्रह्लाद जोशी के अधिवक्ता एसएम लक्ष्मीश्वर ने बताया कि कोर्ट ने इस आर्टिकल को आधारहीन मानते हुए गौरी लंकेश को छह माह की कैद और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
वहीं उमेश दुशी के अधिवक्ता संजीव ने बताया कि उनके मामले में गौरी लंकेश दूसरी अभियुक्त थी। इसमें पहला अभियुक्त देवानंद जगपुर था लेकिन कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने गौरी लंकेश को दोषी ठहराया था। कोर्ट का कहना था कि गौरी लंकेश अपने बचाव में पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सकीं। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें चार हजार रुपये जुर्माने के साथ ही एक हजार रुपये कोर्ट के खर्च के रूप में चुकाने का आदेश दिया है। वहीं जोशी की याचिका में सिर्फ गौरी लंकेश को ही आरोपी बनाया गया था।
वहीं इस बारे में गौरी लंकेश का कहना है कि कुछ लोग उन्हें सलाखों के पीछे देखना चाहते थे लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं हुई और कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी।
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