आजकल काटना कितना आसान हो गया है न, कम से कम ऐसा बोलने से पहले सोचने की जरुरत नहीं है। कुछ कर्मवीर होते हैं तो कुछ मुखवीर, सैकड़ों साल की बात छोड़िए पिछले तीन सालों में ही ऐसे मुखवीरों की तादाद में गजब का इजाफा हुआ है। इन मुखवीरों की वजह से अपराधी किस्म के व्यक्तियों की बाछें खिल जाती हैं और वो कानून अपने हाथ में ले लेता है। भीड़ की नामर्दगी पर मचे हर बवाल के बाद सरकार और प्रशासन की किरकिरी ही हुई है फिर भी लोग काटने की बात करने से नहीं चूक रहे। एक तरफ फिल्म के तथाकथित काल्पनिक दृश्यों के आधार पर निर्देशक और एक्टर को काटने की बात सरेआम हो रही है। मीडिया दिन भर इसे सुर्खियां बनाकर परोस रहा है और अब सिनेमाई असर तो देखिए जरा, ऐसा असर कि संजीदा नेता माने जाने वाले भी काटने की बात करने लगे हैं। यह सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए है या फिर चेहरे से नकाब उतर रहे हैं यह तो धीरे धीरे पता चलेगा। अब वो दिन भी दूर नहीं जब इन नेताओं को इनकी ही भाषा में जवाब दिया जाने लगेगा।
एक साल से भी कम वक्त हुआ जब सांसद नित्यानंद राय बिहार बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गये। सांसद नित्यानंद राय वैसे तो संवेदनशील औऱ संजीदा नेता माने जाते रहे हैं लेकिन अब वो भी काटने की बात कर रहे हैं।आखिर यह किसका और कैसा असर है, बदलते दौर का या फिर संगत का। राय ने सरेआम ऐसा बयान दिया है जो निहायत ही शर्मनाक है। सोमवार को OBC समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उजियारपुर लोकसभा सीट से सांसद राय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कठिन परिस्थितियों में देश का नेतृत्व कर रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है। यदि उनके ऊपर कोई उंगली या हाथ उठाएगा तो उसे या तो तोड़ दिया जाएगा या काट दिया जाएगा।
एक सांसद की यह कैसी भाषा है। इतिहास में औरंगजेब की विरासत को आगे बढ़ाने में आज के यह नेता कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते, हर छोटी बड़ी बात पर काट देने की बात करते हैं। ऐसे में अगर कोई यह कह दे कि देश में डर लगता है या फिर असहिष्णुता बढ़ रही है तो फिर देखिए इनको, ऐसा लगता है कि सच में काट डालेंगे।
जब नित्यानंद राय ऐसा बयान दे रहे थे उस मंच पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे। जब पार्टी के बड़े नेताओँ की मौजूदगी में सरेआम मंच से प्रदेश का पार्टी अध्यक्ष ऐसे बयान दे तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि ये नेता किसी औऱ को मारने-काटने वाले बयान देने वाले पर सख्ती से पेश आएँगे। जब संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण को काटने की बात एक अनपढ़-गंवार कर रहा था तो ऐसा लग रहा था कि उसे ये नेतृत्व जरुर काबू कर लेगा लेकिन जब सत्ताधारी बीजेपी के बड़े नेता ऐसा बयान देने लेगेंगे तो इनपर कौन रोक लगाएगा।
एक तरफ जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी गोवा फिल्म समारोह में असहिष्णुता पर भाषण दे रही थी और सब कुछ बेहतर होने का दावा कर रही थीं उसी वक्त बिहार में सांसद नित्यानंद राय महज उंगली उठाने के एवज में हाथ काट डालने की बात कर रहे थे। मैडम मंत्री को इसपर भी गौर करना चाहिए। साथ ही एक बात हम खुले तौर पर सांसद नित्यानंद राय साहब को कहना चाहते हैं कि जब जब ऐसा लगेगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई फैसला जल्दबाजी में और बिना तैयारी के लिया गया है, जब जब ऐसा लगेगा कि उनके द्वारा दिया गया बयान महज जुमला है, जब जब ऐसा लगेगा कि बतौर प्रधानमंत्री उनको ऐसा नहीं बोलना चाहिए था या फिर जब कभी ऐसा लगेगा उनके कदम देशहित में लड़खड़ा रहे हैं तो उनपर उंगली उठेगी, हम सबसे पहली कतार में खड़े होेंगे। है हिम्मत तो काटकर दिखाएं हमारे हाथ…