प्रेस फाउंडेशन ऑफ इंडिया अपने संरक्षक क्रांति और इक प्यार का नगमा फेम गीतकार संतोष आनंद को उत्तर प्रदेश का ख्यातिलब्ध सम्मान यश भारती दिए जाने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। लखनऊ से सम्मान प्राप्त कर लौटने के बाद पीएफआई संतोष आनंद का राजधानी दिल्ली में सम्मान करेगा। पीएफआई के अध्यक्ष और समाचार प्लस के एडिटर इन चीफ उमेश कुमार पीएफआई दिल्ली में आयोजित समारोह एहसास में संतोष आनंद का सम्मान करेंगे। मुंबई में एक ही मंच पर संतोष आनंद के साथ दादा साहेब फाल्के फाउंडेशन अवार्ड पाने वाले उमेश कुमार संतोष आनंद के साथ इसके बाद दिल्ली में नव्या सर्जना संस्था के समारोह तक्षति में एक साथ सम्मानित हो चुके हैं। 12 नवंबर को गरीब बच्चों और बुजुर्गों के लिए आयोजित नव्या सर्जना के समारोह एहसास में मुख्य अतिथि के रूप में जुड़ें उमेश कुमार लिविंग लेजेंड संतोष आनंद जी का इस समारोह में खुद सम्मान करेंगे। यश भारती सम्मान पाने पर उमेश कुमार ने संतोष आनंद को उनका गीत तेरा साथ है तो हमें क्या कमी है, अंधेरों से आ रही रोशनी है… याद करते हुए बधाई दी है। उमेश कुमार ने कहा है कि संतोष आनंद के गीत हमें परंपराओं और जीवन मूल्यों से जोड़ते हैं इसलिए इनके गीतों की उम्र बहुत लंबी है। आपको बता दें कि संतोष आनंद को हाल ही में यूएई में लाइफ टाइम एचिवमेंट सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
संतोष आनंद का पीएफआई और समाचार प्लस से पुराना वास्ता है। पीएफआई और समाचार प्लस ने बेटे-बहू के असामियक निधन के बाद गम से गुजर रहे संतोष आऩंद के लिए खुशी के लम्हें जुटाने की भरपूर कोशिश की है। पीएफआई के संयोजक और समाचार प्लस के एसोसिएट एडिटर अमर आनंद के संयोजन में दिल्ली और एनसीआर में संतोष जी के गीतों और रचनाओं पर केंद्रित कई समारोह किए गए हैं, जिनमें इक प्यार का नगमा है, ऐ वतन तेरे लिए, जिंदगी की न टूटे लड़ी, फुहार और वतन पे जो फिदा होगा प्रमुख है। प्रेस फाउंजेशन ऑफ इंडिया के संयोजक अमर आनंद के मुताबिक दिल्ली में 27 नवंबर को संतोष आनंद के सम्मान में एक बड़ा समारोह का आयोजन होगा। जिंदगी की न टूटे लड़ी नाम के इस समारोह को विश्व विकलांगता दिवास यानी तीन दिसंबर के समाचार प्लस पर दिखाया जाएगा। इस समारोह को स्पेशल कैटेगरी के बच्चों के लिए काम करने वाली संख्था धुन फाउंडेशन के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा। इस समारोह में स्पेशल कैटेगरी और दिव्यांग बच्चे संतोष आनंद के गीत पेश करेंगे। इस समारोह की तैयारी जोरों पर है।
यूपी के सिकंदराबाद, बुलंदशहर के ताल्लुक रखने वाले 78 साल के संतोष आऩंद अपने संवेदनशील गीतों से कई पीढ़ियों को हंसाने-रुलाने वाले कविह्रदय गीतकार संतोष आनंद के लिए ये दुख सहना और भी मुश्किल है। संतोष आनंद के बहुत से गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। मनोज कुमार की फिल्म रोटी कपड़ा और मकान और राजकपूर की फिल्म प्रेम रोग में लिखे गीतों के लिए उन्हें दो बार फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुका है। संतोष आनंद इसके अलावा उपकार, प्यासा सावन जैसी फिल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं। संतोष आनंद ने कुल 26 फिल्मों में 109 गीत लिख चुके हैं।