नागपुर। 11 अक्टूबर। आरएसएस के स्थापना दिवस पर आज नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी नेतृत्व ने दुनिया भर में पाकिस्तान को अलग-थलग करने का सराहनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह सरकार काम कर रही है, उससे लोगों के मन में देश में बदलाव आने का भरोसा पैदा होता है और यह अहसास होता है कि देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। संघ प्रमुख भागवत भारतीय सेना द्वारा पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने से काफी प्रसन्न नज़र आए।
उन्होंने कहा कि “कश्मीर की उपद्रवकारी शक्तियों को उकसाने का काम सीमा पार से होता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। सारी दुनिया जानती है और उसको अच्छा जवाब हमारे शासन ने दिया है। शासन के नेतृत्व में हमारी सेना ने साहस दिखाया है। फिर एक बार पूरी दुनिया में भारत की सेना की प्रतिष्ठा ऊंची हो गई। उपद्रवी (पाकिस्तान) को संकेत मिला कि सहन करने की मर्यादा (सीमा) होती है।”
भागवत ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कश्मीर में पाकिस्तान के उकसावे पर उपद्रव करने वाली ताकतों से सख्ती से निपटे। उन्होंने कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि गिलगिट और बाल्टिस्तान समेत समूचा पीओके भारत का हिस्सा है। भागवत ने कश्मीरी पंडितों को न्याय दिए जाने की भी वकालत की।
भागवत ने विपक्षी दलों के रवैये पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि विपक्ष केवल सरकार की कमियां निकालने में जुटा हुआ है और कई लोग ऐसे हैं, जो मीडिया के सहारे छोटी सी बात का भी बतंगड़ बना देते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई ताकतें ऐसी हैं, जो भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती हैं, दुर्भाग्य से स्वार्थ के कारण हमारे यहां भी ऐसे लोगों को समर्थन मिल जाता है।
गोरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चूंकि देश में गोरक्षा कानून है, इसलिए इसपर अमल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर काम करने वाले सारे भले लोग हैं। शासन को ध्यान देना होगा कि जो लोग उपद्रव करते हैं, गोरक्षकों को उनके साथ न जोड़ा जाए। भ्रम और अफवाह फैलाने वालों से सचेत रहते हुए प्रशासन को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय माता है और उसकी रक्षा करने के लिए कभी-कभी आंदोलन भी करना पड़ता है।
यह कार्यक्रम इस लिहाज से ख़ास था, क्योंकि संघ अपने नए गणवेश में पहली बार विजयादशमी का उत्सव मना रहा है। इसमें स्वयंसेवकों ने खाकी निकर की बजाय भूरे रंग की फुल पैंट पहन रखी थी। कार्यक्रम में संघ के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस नई ड्रेस में ही मौजूद थे। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस ने भी हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर आरएसएस को उसके स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।