नई दिल्ली। नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मीडिया हाउस को दिए खास इंटरव्यू में कहा, विपक्ष ने संसद को बाधित कर पहली बार बेईमान लोगों को खुलेतौर पर बचाने के लिए प्रयास किया। नोटबंदी की घोषणा के बाद लगातार बदलाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा, लोगों को नीति और रणनीति में फर्क समझना चाहिए और उन्हें एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा, नोटबंदी का निर्णय हमारी नीति को प्रदर्शित करता है और यह पूरी तरह से सुस्पष्ट, अटल है। हमारी रणनीति को नीति से अलग होने की जरूरत है और यह एक कहावत से स्पष्ट होती है कि तू डाल डाल, मैं पात पात। हमें अपने दुश्मन से दो कदम आगे रहना चाहिए।
नोटबंदी को बड़ा कुप्रबंधन और संगठित लूट बताने वाले मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम शायद अपने नेतृत्व के दौरान हुए टूजी स्पेक्ट्रम, सीडब्ल्यूजी और कोयला ब्लाक आवंटन जैसे घोटालों का जिक्र कर रहे थे। मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद उठ रही समस्याओं पर हमने तत्परता से प्रतिक्रिया दी और जरूरी कदम उठाए। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि अगर हम एक दिशानिर्देश जारी करते और उन्हें उसी रास्ते पर चलने देते, तब कई लोग इसे पसंद करते। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं होगी।
इंटरव्यू के दौरान पीएम ने कहा, “नोटबंदी के फैसले में कुछ भी राजनीतिक नहीं हैं। यह कड़ा फैसला था जो अर्थव्यवस्था और हमारे समाज की सफाई के लिए था। अगर मैं अल्पकालिक राजनीति फायदे की सोचता तो मैं यह कभी नहीं करता।”