हमारा देश वाकई बदल रहा है, और वो भी काफी तेजी से । अब देखिए न कल ही की तो बात है, इस देश का सबसे बड़ा और दुनिया के सबसे बड़े व्यापारियों में से एक व्यापारी अपने पूरे तामझाम के साथ एक प्रॉडक्ट लॉंच करता है, लांचिग के वक्त ४५ मिनट का भाषण देता है। जैसे जैसे उसके भाषण की रफ्तार बढ़ती है इस देश की दूसरी कंपनियों के शेयर गिरते हैं। ४५ मिनट के भाषण के बाद उस व्यापारी के विरोधी कंपनियों के १५ हजार करोड़ रुपए डूब जाते हैं। तकरीबन पंद्रह साल पहले “कर लो दुनिया मुट्ठी में” का दंभ भरने वाली इस कंपनी की चर्चा देश के कोने-कोने में है। कल से लेकर अब तक मेरे गांव से तकरीबन १५ लोग इस भाषण का मर्म जानना चाहते हैं, दरअसल वो हर तरफ फ्री-फ्री सुनकर इतने मदहोश हैं कि सच जानना चाहते हैं। जिस किस्म की लाइऩें कल से रिलायंस जियो लेने के लिए लोगों की लगी है वो देखकर हमारा विश्वास और दृढ़ होता है कि अगली बार भी दिल्ली में केजरीवाल की ही सरकार आएगी। दरअसल इस मुफ्तखोरी की आदत ही हमें ले डूबती है। हम दिन-ब-दिन और मुफ्तखोर होते जा रहे हैं। खैर हों भी क्यों नहीं। जिस सुविधा के लिए हजारों देने पड़ते हैं और दूसरी कंपनी उसे मुफ्त में देना चाहती है तो जरुर लेना चाहिए। इन कंपनियों में पिछले तकरीबन २० सालों में हमें लूटा ही है, लेकिन क्या यह दूसरी कंपनी हमें लूटना नहीं चाहती, क्या यह दूसरे पेशे से लूट कर कमाई गई रकम हम पर खर्च करना चाहती है, सवाल कई हैं और इनका जवाब समय से साथ तलाश किया जाएगा लेकिन आज हम एक दूसरे सवाल का जवाब तलाश रहे हैं ।
गांधीगीरी के देश में कल के डाटागीरी की घोषणा के बाद दरअसल हमें कुछ बनियागीरी की बू आ रही है और इस पूरे प्रकरण में देशहित की नेतागीरी गायब है। आज सुबह अखबार देखते हुए माथा झन्ना गया। जिस व्यक्ति को हम पिछले ढाई साल से देश का ब्रांड एंबेसडर समझते थे वो तो रिलायंस का ब्रांड एंबेसडर निकला। आप भी आज के अखबारों में छपे इस विज्ञापन को गौर से देखिए और सोचिए कि आपको क्या महसूस होता है। कल जब उस व्यापारी ने फ्री सेवाओँ की जैसे ही झड़ी लगाई मन घबराने लगा था, फिर एकबार लगा कि शायद कम फायदे में यह व्यापार करने की मंशा हो सकती है लेकिन जैसे ही अहले सुबह अखबार खोला ऐसा लगा कि फ्री सेवाओँ की बहुत बड़ी कीमत देश चुकाने जा रहा है। जियो का प्रचार करते प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर देखकर बिना उनकी मर्जी के प्रकाशित हुआ हो ऐसा हमें नहीं लगता, अगर मर्जी है तो चिंताजनक है और अगर बगैर मर्जी के है तो काफी चिंताजनक है।
आप चाहें तो जियो की सेवा मुफ्त उठा सकते हैं क्योंकि देश तो बदल ही रहा है।