हरियाणा में बीफ बेचना और खरीदना अपराध है। यह कानून वहां की विधानसभा से देश के कई अन्य राज्यों की तरह पास कर अमल मे लाया गया है। मेवात में सड़क किनारे बेचे जा रहे बिरियानी में बीफ मिलने की शिकायत की जांच हुई और उस रिपोर्ट के मुताबिक जो सैंपल मिले उसमें बीफ पाया गया। राज्य के कानून के मुताबिक अब इस मामले में कार्रवाई होगी। ज्यादातर चैनल के लिए यह खबर बनी लेकिन एनडीटीवी इस पर एजेंडा के रुप मे रात दिन लग गया। एंकरों के सवाल कि सरकार रोजगार पर ध्यान नही दे रही,गरीबी है। बीफ बेचने पर सरकार सख्ती क्यों कर रही है? यहां से भेजे गए रिपोर्टर मेरे दोस्त हृद्येश जोशी से पूछे गए सवाल और जवाव दोनों एजेंडे के तहत लग रहे थे। भाई क्या सरकार कानून के मुताबिक काम न करे.तुम्हारे लिए यही क्यों मुद्दा। सोशल साइट पर लोग रवीश पर बीफ के बहाने अपने प्रोग्राम में एजेंडा बनाने का आरोप लगाने लगे। भाई वे बस नौकर है उस पर क्यों गुस्सा निकाल रहे हो। चैनल के हर प्रोग्राम में वही एजेंडा है तो हमारे बिहारी भाई को साजिश का खिलाड़ी क्यों साबित कर रहे हो….रहम करो उस पर नौकरी करने दो उसे। हां यदि ब्लॉग पर देश समाज का ज्ञान दे तो आशुतोष का कांशीराम बन जाना।
लेकिन ये खेल जो एनडीटीवी खेल रहा है वो बहुत खतनाक है। क्या देश के किसी प्रांत में सिस्टम उसके कानून के मुताबिक न चले तो कैसे चले? एजेंडा पत्रकारिता करने से भी आपको कोई रोक नही सकता। धंधा है आपका कीजिए लेकिन फिर आदर्श न बेचिए….
युवा पत्रकार मनीष ठाकुर के फेसबुक वॉल से साभार