आम आदमी पार्टी के मंत्रियों का एक एक कर नित नए आरोपों में उलझना जारी है। इस बार अरविंद केजरीवाल के खास माने जाने वाले सत्येंद्र जैन कटघरे में है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन का झुनझुना पकड़ाकर दिल्ली में सत्ता में आई केजरीवाल की सरकार के यह चौथे मंत्री है जिनपर आरोप लगा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को हवाला के जरिए 17 करोड़ रुपए के ट्रांसफर मामले में नोटिस भेजा है। आईटी डिपार्टमेंट ने जैन को 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है। जाहिर है जैन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर जैन दोषी हुए तो निकाल दूंगा। कुछ समय पहले ही सेक्स सीडी आने के बाद विवादों में फंसे मंत्री संदीप कुमार को केजरीवाल ने बर्खास्त कर दिया था।
केजरीवाल ने आज ट्वीट करके कहा, ‘मैंने आज सुबह ही सत्येंद्र जैन को बुलाया, सारे पेपर्स देखे…वह बेकसूर है, उन्हें फंसाया जा रहा है। अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो हम उनको निकाल देंगे। हम उनके साथ खड़े हैं।
सीएम ने कहा, ‘आप विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ झूठे केस, मेरे खिलाफ एफआईआर, मुझ पर सीबीआई रेड कराई गई…क्यों? एक बहुत बड़ी साजिश है, हम शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में इसका खुलासा करेंगे।
आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक जैन पर चार कंपनियों को 17 करोड़ रुपए गैरकानूनी तरीके से ट्रांसफर करने और इन कंपनियों के चेक रिसीव करने का आरोप हैं। जैन पर आरोप है कि उन्होंने इस पैसे से अनाधिकृत कालोनियों में प्रोपर्टी खरीदी।
जिन चार कंपनियों को जैन से जुड़ा बताया जा है उनके नाम हैं – इंडो मैटल इंपैक्स, अकिंचन डिवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशन और मंगलयातन प्रॉजेक्ट।
वहीं सत्येंद्र जैन का कहना है कि मुझे एक गवाह के तौर पर बुलाया गया है। जैन ने कहा कि कुछ कंपनियों के रिएसेसमेंट किया जा रहा है मैंने इनमें इनवेस्टमेंट की थी वो इसके बारे में जानने चाहते हैं। जैन ने कहा कि जब मैंने पहली बार चुनाव लड़ा तो इन कंपनियों से नाता तोड़ लिया। मुझे किसी लेन-देन की जानकारी नहीं है।